लेखनी प्रतियोगिता -16-Apr-2022#वो एक दिन
सीतल को वो दिन कभी नही भूल सकता उसी दिन तो वह घर की सब से छोटी बेटी ,सब की लाडली एक जिम्मेदार बेटी बनी थी ।उसे याद है वो दिन उस दिन उसके फूफा जी और बुआ आये थे वो फूफा जी कम ही आते थे उनके घर क्यों कि सीतल के दादा जी से उनकी कोई कहासुनी हो गई थी। इसलिए वो कम ही आते थे आते थे तो सीतल के घर ठहरते थे। क्यों कि फूफा जी की और उसके पापा की आपस मे खूब पटती थी।उस दिन फूफा जी बहुत सालों बाद आये थे।रात को खूब हंसी ठिठोली हो रही था सीतल के पापा स्पेशल उनके लिए पान लेकर आये।अपने हाथों से अपने जीजा जी को पान खिलाया।रात को काफी समय तक बातें की ।सीतल अपने पापा को खाने के बाद स्वीट डिश देने गयी तो उसके पापा ने कहा,"बेटा रख दो सुबह खा लूंगा अभी पेट भरा है।फिर उन्होंने सीतल को अपनी पैंट टांगने को कहा और बोले बेटा अब सो जाओ ।उस समय मे लोग ज्यादा देर तक नही जागते थे।
सुबह सीतल की नींद अपनी मां की चीख से खुली ।वह दौड़ी दौड़ी मम्मी पापा के कमरे मे गयी तो उसने देखा पापा फर्श पर पड़े है और मम्मी उन्हें उठाने की नाकाम कोशिश कर रही है।वह फटाफट अपने पापा के पास गयी और उन्हें सीधा किया उसे उनके चेहरे से लग रहा था कि उनको हार्ट अटैक आया है वह बिना कुछ सोचे समझे गली मे भाग ली मदद के लिए क्यों कि पापा को ले जाने के लिए गाड़ी की ज़रूरत थी और वो उनके पास नही थी ।एक बाईक थी वो भी सीतल का भाई बाहर गया था तो कौन चलाता।वह रोती रोती गली मे मदद की पुकार करने लगी ,"प्लीज़ अंकल मेरे पापा को बचा लो उन्हें अस्पताल ले जाना है प्लीज़ चाचा जी कोई तो मेरी बात सुनो घर पर कोई नही है मै और मम्मी है।"तभी एक व्यक्ति गाड़ी उनके घर तक ले आया सीतल ने और दो तीन आदमियों ने मिलकर उसके पापा को गाड़ी मे डाला और अस्पताल के लिए चल पड़े।वहां पहुंच कर डाक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया।
सीतल एम्बुलेंस मे बैठी पापा की डेड बॉडी के साथ घर आ रही थी तो रास्ते मे उसे फ्रीज मे रखी पापा के लिए वो स्वीट डिश याद आ रही थी ।वो पैंट याद आ रही थी जो खूंटी पर टंगवाई थी ।वो एक दिन की घटना ने सीतल को अल्हड़ , मस्तमौला से एक जिम्मेदार लड़की मे तब्दील कर दिया था।
Shrishti pandey
18-Apr-2022 02:26 PM
Very nice
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Punam verma
17-Apr-2022 08:30 AM
Very nice
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Abhinav ji
17-Apr-2022 07:47 AM
Nice 👍
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